प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 71वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान न गाली से, न गोली से, बल्कि हर कश्मीरी को गले लगाकर ही हल की जा सकती है. यह बयान एक तरफ जहां कश्मीरी आवाम के दिल जीतने की कोशिश है, तो वहीं अलगाववादियों को अलग थलग करने से भी जोड़कर देखा जा सकता है.
लालकिले से मोदी ने कश्मीर पर क्या कहा?
आज भारत की साख विश्व में बढ़ रही है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया हमारे साथ हैं. हवाला कारोबार होता है तो दुनिया हमें जानकारी दे रही है, हम विश्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर का विकास, उन्नति और उनके सपनों को पूरा करना हमारा संकल्प है, फिर से इसे स्वर्ग बनाना है. कश्मीर के अंदर जो कुछ भी होता है, बयानबाजी भी होती है, लोग एक दूसरे को गाली भी देते हैं. कश्मीर में जो कुछ भी घटनाएं घटती हैं, मुठ्ठी भर अलगाववादी लड़ते हैं. लेकिन ये समस्या ना गाली से सुलझेगी
ना ही गोली से सुलझेगी ये समस्या सुलझेगी तो सिर्फ हर कश्मीरी को गले लगाने से ही सुलझेगी.
मोदी के ने क्या दिया मैसेज
दरअसल अलगाववादियों की वजह से कश्मीर समस्या का समधान नहीं हो पा रहा है. इस बीच, पिछले कुछ समय से कश्मीर के हालात और भी खराब हुए हैं. मोदी सरकार कश्मीर समस्या को हल करने की हर संभव कोशिश में लगी हुई है. कहा जा रहा है कि कश्मीर में आतंकियों के सफाए के लिए मोदी सरकार ने सेना को सितंबर तक का समय दिया है. यही वजह है कि सेना आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट अभियान चला रही है. जिसके तहत आतंकियों को तलाश कर उनका सफाया कर रही है. पिछले कुछ दिनों में सेना ने कई बड़े आतंकियों को मार गिराया है.
अलगाववादी कहां पैदा कर रहे हैं समस्या?
सरकार के प्रयासों को विफल करने के लिए कश्मीर अलगाववादी ताकतें माहौल खराब करती रही हैं. ऐसे में नरेंद्र मोदी का लालकिले से ये कहना कि कश्मीर समस्या का समाधान न गोली से और न गोली से, बल्कि हर कश्मीरी को गले लगाकर की जा सकती है. इसके जरिए कश्मीरी आवाम के बीच जो मोदी अपनी छवि को  बदलने की कोशिश की है. इस बयान के जरिए जहां मोदी कश्मीरी आवाम का विश्वास जीतकर अलगाववादियों को अलग-थलग करने की है.

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