पटना,सनाउल हक़ चंचल-

पटना। वैशाली में गरीबी का दंश झेल रही एक नाबालिग लड़की को एक युवक ने प्यार के जाल में फांस लिया और उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। डेढ़ साल तक चले इस प्यार का पता तब चला जब लड़की ने हाजीपुर सदर अस्पताल मे बच्चे को जन्म दिया।

डेढ़ वर्षों के दोहन के बाद जब दो दिन पूर्व उसने एक शिशु को सदर अस्पताल हाजीपुर में जन्म दिया तो प्रशासन और समाज की नजरें पड़ी। अपनी भूल और कुचक्र की शिकार किशोरी और उसके परिवार अब अपने साथ हुए अन्याय और दोहन के लिए समाज और प्रशासन से गुहार लगाने में जुटे हैं।

गरीब परिवार की एक नाबालिग लड़की जो मवेशी के चारे के लिए नदी घाट से नाव का सहारा लेकर नाव से आती जाती थी। नाव चलाने वाले युवक के कुचक्र में फंसकर अपना सबकुछ गंवा बैठी।

बिदुपुर थाने के कर्मोपुर नयाटोला की 14 वर्ष की लड़की पारिवारिक तंगी के कारण दियारे से घास काटकर लाने का कार्य करती थी। उसकी यह दिनचर्या पिछले दो सालों से जारी था। जिस नाव से उसका आना-जाना होता था उस पर कल्लू राय नाविक था।

उसने उसे अपने कुचक्र और प्रलोभन से उसके साथ सम्बन्ध बनाया। जब किशोरी के परिजन को उसके संतान होने की सूचना मिली तो युवक और परिवार वाले उसे अपनाने की बात कहकर शांत करा लिए, लेकिन रविवार को एक शिशु के जन्म के बाद उसे स्वीकार करने से मना कर दिया।

मामला सदर अस्पताल में प्रशासन की नजर में तब आया जब किशोरी की उम्र देखने के बाद उपस्थित चिकित्सक ने महिला थाने की मौजूदगी में बयान दर्ज करवाकर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई।

ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को महिला थाने की पुलिस ने केस की इंक्वायरी गांव में आकर की। जिसमें उसे यह जानकारी दी गई कि लड़की के परिवार वाले उसके दो दिन के शिशु को लड़के के दरवाजे पर रखकर चले आए और इंसाफ की गुहार लगाई।

समाज के लोगों ने भी युवक के कुचक्र के विरोध में आवाज उठानी शुरू कर दी है, लेकिन दबंगतई के कारण उसके विरुद्ध कार्रवाई करने में परहेज कर रहे है।

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