सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की बंगलुरू में गोली मारकर हत्या कर दी गई. आ रही खबरों के मुताबिक चार अज्ञात हमलावरों ने राज राजेश्वरी इलाके में स्थित गौरी के घर में घुसकर उन पर काफी करीब से फायरिंग की, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. गौरी लंकेश का दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद चल रहा था.
इस मामले के सामने आते ही बॉलीवुड गौरी लंकेश के सपोर्ट में आया और उनके हत्या पर शोक जताने के साथ ही उनके लिए न्याय की मांग भी कर रहा है. बॉलीवुड के मशहूर राइटर जावेद अख्तर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि दाभोलकर, पनसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश. अगर एक ही तरह के लोगों की हत्या हो रही है तो उनके हत्यारे कौन हैं.
नीरजा फिल्म के प्रोडूसर अतुल कासबेकर ने लिखा कि गौरी लंकेश के हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने और सजा देने की बात कही है.
वहीं डायरेक्टर शिरिश कुंदर ने कहा कि जब से बौद्धिक होना गाली जैसा हो गया है तक से गोलियां आवाज बन गई हैं.
फिल्म मेकर अनुभव सिन्हा ने कहा कि इस मामले में सही फैसले का इंतजार.
कलबुर्गी की हुई थी हत्या
इससे पहले वर्ष 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में इसी तरह के एक अन्य मामले में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की उनके घर पर ही हत्या कर दी गई थी. इस केस में दो लोगों पर कलबुर्गी की हत्या करने का आरोप लगा था.
गोविंद पनसारे
2015 में ही सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पनसारे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी पत्नी को भी हमलावरों ने निशाना बनाया था. इस मामले में राइट विंग से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.वहीं इससे 2 साल पहले 2013 में पुणे में नरेंद्र दाभोलकर को भी गोलियों से छलनी किया गया था. अंधविश्वास और कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले डॉ. दाभोलकर सनातन संस्था और अन्य दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहते थे.
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