जमुई(बिहार) संजीत कुमार बर्णवाल
जमुई जिले के शिवडीह निवासी हेमा मांझी,भिठलपुर के सोनारी मांझी तथा कल्याणपुर के मांझी टोला निवासी बासुदेव मांझी इन दलित बस्तियों में सामाजिक परिवर्तन के नायक उभरे है।हाल ही में दसवी एवं बारहवी की परीक्षा के परिणाम के साथ ही इन नायको की उभार समाज के सामने में आया है।
जमुई के समाजसेवी आईपी गुप्ता बारी-बारी से सामाजिक परिवर्तन के इस नायक से मिलने उनके घर पहुँचे।हेमा के पिता जंगल से लकडियां काटकर अपने बच्चो को पढ़ा रहे है।हेमा दो बहन एवं दो भाई है।चारो गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते है।हेमा 12 वी की विज्ञान की छात्रा है और आगे पढ़ना चाहती है,मगर उसके बिमार पिता अपने शरीर से मजबूर है,एवं अपने बच्चो की पढ़ाई का बोझ उठाने में असमर्थ है।हेमा के पिता गरीबी की बोझ में दबे होने के कारण अपने बच्चो को स्कूल जाने के लिए मना कर दिया।हेमा अपने माँ के साथ अपने ही गांव के ऐश्वर्य सिंह के माध्यम से श्री गुप्ता जी से संपर्क साधा।इसके बाद श्री गुप्ता हेमा से मिलने उसके गांव पहुँचे,इन्होंने जब उसके गांव पहुचे तो देखा कि हेमा ने अपने गांव शिवडीह मुसहर टोली नया डोम टोली के 12 बच्चे-बच्चियां को पढ़ाने का काम किया करती है,ओर ये सभी बच्चे सिकंदरा के धधोर स्कूल पढ़ने जाती है।श्री गुप्ता ने इन सारे बच्चो को महादेव सिमरिया के एक कोचिंग संस्थान में ट्यूशन पढ़ाने की व्यवस्था की है।कोचिंग के निदेशक इनके नेक इस कार्य को देखते हुए इन बच्चो की कोचिंग फीस आधी कर दी,जबकि हेमा की ट्यूशन की व्यवस्था आरएसएस के संचालक श्री राकेश कुमार सिंह जी ने जमुई के एक कोचिंग संस्थान में काम करने का आश्वासन दिया है।हेमा को उपहार स्वरूप श्री गुप्ता ने उसे एक साइकिल खरीद कर दी।
वही दूसरी तरफ बिठलपुर मांझी टोला के सोनारी मांझी पहला छात्र है जिसने मेट्रिक की परीक्षा पास की है।श्री गुप्ता ने उसका उत्साह वर्धन करने उसके गांव बिठलपुर जाकर एक मोबाइल गिफ्ट की ताकि मोबाइल के माध्यम से पूरे विश्व का तकनीकी ज्ञान की प्राप्ति इंटरनेट के माध्यम से कर आगे बढ़े।सोनारी अपने गांव में मुसहर बस्ती के सारे बच्चो को मुफ्त में ट्यूशन पढ़ाता है ओर रोज उसको नहाने एवं दातुन करने के लिए प्रेरित करता है।सोनारी का नामांकन जवाहर उच्च विधयालय में कराया गया।
बिठलपुर के बासुदेव मांझी रिक्शा चलाकर अपने दोनों बच्चियों को पढ़ा रहे है।घर मे खाने के लिए अनाज नही रहने के लिए छत के नाम पर पॉलीथिन का कभर,मगर बच्चियों को पढ़ाने को हौसला में कोई कमी नही।जब श्री गुप्ता उनसे मिलने पहुचे तो उनकी दयनीय हालत को देखकर भावुक हो उठे,बासुदेव मांझी की पत्नी बीमार है।बरसात के पानी से घर के कमरे गीले पड़े है,ओर बासुदेव मांझी की आंखों में छलकते आँसु बह रहे है।
श्री आईपी गुप्ता ने तत्काल नगर परिषद के अध्यक्ष रेखा साह से बात की तो पता चला की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बासुदेव मांझी के घर की स्वीकृति हुई है,मगर प्रथम क़िस्त की राशि के लिए श्री बासुदेव मांझी को फाउंडेशन तक का कार्य करना होगा,तभी नगर परिषद इनके खाते में राशि स्थान्तरित कर सकेगी।इस संबंध में श्री गुप्ता ने तत्काल श्री बासुदेव मांझी को दस हज़ार 10000/- रुपए की राशि उपलब्ध करवाई।जिससे वह कार्य कर सके।
अब बस जरूरत है समाज के ऐसे नायको के उत्साहवर्धन की जिससे हमारे देश के नायक का हौसला बुलंद रहे।
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