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धन्वंतरि जयंती पर्व धूमधाम से मनाया गया।
शहर के प्रमुख आयुर्वेदिक प्रतिष्ठान श्री नारायण आयुर्वेदिक्स - फिजियोथेरेपी सेंटर में धन्वंतरि जयंती पर्व हर्षोलाष के साथ मनाया गया ।पंडित दुष्यंत दवे के सानिध्य में शुभ मुर्हत में भगवान धन्वंतरि की विधि विधान से पूजा अर्चना व दुग्धअभिषेक किया गया।
इस अवसर पर प्रतिष्ठान के संचालक जुगल किशोर भाटिया ने समस्त जिलेवासियों के मंगल स्वास्थ की कामना की  एवं निरोग रहने के लिए आयुर्वेद के महत्व  को बताया ।
इस पूजन कार्यक्रम में परिवारजन कमलकिशोर,मनोज आर,अखिल,निखिल,गिरिल रॉकी ,सुबोध, पृथ्वी एवं शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ सुबोध भाटिया ने बताया कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष धन्वन्तरि जयंती को द्वितीय आयुर्वेद दिवस के रूप में ‘‘आयुर्वेद से पैन मेनजमेन्ट ‘‘( आयुर्वेद से दर्द का निवारण ) थीम पर मनाया जा रहा है इससे आयुर्वेद द्वारा सहज ही शारीरिक रोगों में होने वाले दर्द से निजात मिल सकेगी ।
अंत मे सभी आगंतुकों का आभार व धन्वंतरि प्रसाद वितरित किया गया।



राजस्थान के बारां जिले में मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के हाथों एक पुलिसवाला रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया. कोटा एसीबी की टीम ने अटरू थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक(एएसआई) बद्रीलाल बैरवा को 5000 रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

फरियादी अंता निवासी शफीकुर्रहमान उर्फ गुड्डू ने 12 अक्टूबर को कोटा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को इस बाबात शिकायत दी थी. शिकायतकर्ता के अनुसार अटरू में उसका प्लॉट है जिस पर कुछ लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है और पुलिसवालें ये कब्ज़ा हटाने और दोनों पक्षों राजीनामा करने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं.

इस शिकायत में अटरू थाने में तैनात एएसआई बद्रीलाल पर 10 हजार रूपए की रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया गया था. इस शिकायत पर कोटा एसीबी ने 13 अक्टूबर को फरियादी शफीकुर्रहमान से आरोपी बद्रीलाल को 5000 रूपए दिलवाकर सत्यापन कराया गया. इसके बाद कोटा एसीबी के पुलिस निरीक्षक रमेश आर्य की टीम ने मंगलवार को भ्रष्ट एएसआई बद्रीलाल को अटरू थाने में स्थित उसी के सरकारी आवास में शेष 5000 रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार एएसआई को फिलहाल हिरासत में रखा गया है और पूछताछ की जा रही है.
 रमेश आर्य, पुलिस निरीक्षक, कोटा एसीबी

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने इस दिवाली प्रदेश के सवा ग्यारह लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को 7वें वेतनमान का तोहफा दिया है. धनतेरस के दिन मंगलवार को सरकार की ओर से इसकी घोषणा के साथ ही सरकारी मुलाजिमों की बेसिक सैलेरी में 32 % तक का इजाफा हो गया.

14% बढ़ा वेतन, अधिकतम 2.18 लाख

सावतें वेतनमान के लागू होने के बाद अब राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन न्यूनतम 14 फीसदी बढ़ गया है. इस वेतनमान के लागू होने के बाद अब सरकारी मुलाजिमों की सबसे कम तनख्वाह 17,700 रुपए हो गए है, जबकि अधिकतम 2 लाख 18 हजार 600 रुपए तक पहुंच गई है. मुख्य सचिव की सैलेरी  अब 2 लाख 25 हजार रुपए हो गई है.

दिनभर चर्चाओं के बाद शाम को की गई घोषणा

सातवें वेतन आयोग के लागू होने की चर्चा धनतेरस के दिन सुबह से ही थी. कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच इसकी घोषणा को लेकर खासी उत्सकुता भी नजर आई. हालांकि, देर शाम सीएम वसुंधरा राजे के अजमेर दौरे से लौटने के बाद ही घोषणा हुई. राजे ने एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सातवें वेतनमान को लागू करने के लिए कैबिनेट मीमो पर साइन कर घोषणा की.
धनतेरस के अवसर पर राज्य के 12 लाख से अधिक, अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनर्स को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागु होने पर बधाई।



फैक्ट फाइल

कुल राज्य कर्मचारी/अधिकारी- 8 लाख 54 हजार 119

कुल पेंशनर्स- 2 लाख 75 हजार

सरकार पर वित्तीय भार- 10,500 करोड़ सालाना

वेतनमान के बाद न्यूनतम वेतन- 17 हजार 700

वेतनमान के बाद अधिकतम वेतन- 2 लाख 18 हजार 700



पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस बार धनतेरस पर लखनऊ के लोगों ने करीब 18 अरब की खरीदारी की. रियल एस्टेट को छोड़ दिया जाए तो जीएसटी और नोटबंदी का असर किसी भी कारोबार पर देखने को नहीं मिला और पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए.

जानकारी के मुताबिक सर्राफा बाजार में ब्रांडेड, अनब्रांडेड और बैंक से सोना, चांदी और डायमंड को मिलकर लगभग 255 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. इसमें 70 लाख, 45.5 लाख और 27.5 लाख रुपए की कीमत के डायमंड हार भी शामिल हैं.

ऑटो सेक्टर में भी उम्मीद से कहीं ज्यादा कारोबार देखने को मिला. शहर में लगभग 11 हजार दोपहिया और 4500 कारों की बिक्री हुई, जिसमें 1.70 करोड़ की 5 रेंजरोवर, 1.21 करोड़ की तीन बीएमडब्लू, 80 लाख की 8 जगुआर, 22 मर्सिडीज, 40 स्कोडा, 2400 मारुती व 1500 हुंडई कारें शामिल हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की भी जमकर खरीदारी हुई. ग्राहकों ने 115 करोड़ से ज्यादा के इलेक्ट्रॉनिक प्रोदुस्क्ट्स खरीदे. एलईडी, गीजर और वाशिंग मशीन खरीदने की होड़ मची रही. इलेक्ट्रॉनिक बाजार में करीब 15 करोड़ के मोबाइल भी बिक गए. ऑफ सीजन डिस्काउंट वाले फ्रिज, एसी भी लोगों ने खरीदे. धनतेरस से पहले व्यापारियों को भी ऐसे कारोबार की उम्मीद नहीं थी.

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार अजमेर को सिरेमिक उद्योग के एक प्रमुख हब के रूप में विकसित करेगी. इसके लिए जमीन चिन्हित हो गई है और गैस की पाइप लाइन लाने पर भी काम चल रहा है. गैस की पाइप लाइन आ जाती है तो जो सिरेमिक उद्योग गुजरात को सरसब्ज कर रहा है उस उद्योग के लिए राजस्थान का अजमेर भी देश-विदेश में जाना जाएगा.

सीएम राजे रविवार को अजमेर दक्षिण क्षेत्र में सर्व समाज के लोगों के साथ जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि रघुनाथपुरा के पास विकसित होने वाले रीको औद्योगिक क्षेत्र और किशनगढ़ में बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद अब अजमेर शिक्षा और पर्यटन नगरी के साथ-साथ औद्योगिक नगरी के रूप में भी मशहूर होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अजमेर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में आमजन भी आगे आए. उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ आमजन के सहयोग से अजमेर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होगा.

वहीं जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम को उद्यमियों ने उद्योगों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने की अनिवार्यता की अन्तिम तिथि बढ़ाने की मांग की. इन उद्यमियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे सब छोटे उद्यमी हैं और अन्तिम तारीख नहीं बढ़ाने की स्थिति में उन्हें पैनल्टी भरनी होगी. इससे उनका व्यवसाय प्रभावित होगा.

मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग पर संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए 31 मार्च 2018 तक इसकी समय सीमा बढ़ाने के निर्देश दिए. सभी उद्यमियों ने मुख्यमंत्री का उनकी समस्या का दूर करने के लिए आभार व्यक्त किया.

जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री को कुछ लोगों ने अजमेर शहर में नशेड़ियों और मादक पदार्थ का अवैध कारोबार करने वाले लोगों की समस्या बताई इस पर मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह को निर्देश दिए कि वे ऎसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. सीएम राजे ने कहा कि अजमेर एक धार्मिक नगरी है और यहां किसी भी प्रकार के नशा करने की प्रवृत्ति एवं इससे होने वाले अपराधों को सख्ती से रोका जाएगा.

कोटा में इस साल दिवाली बड़ा संदेश भी साथ लेकर आई है. जिले के उम्मेदगंज गांव की महिलाएं ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके में दिवाली मनाएगी.

शौचालय नहीं होने से तंग महिलाओं ने सुसराल वालों के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद कर दिया. उनका कहना है कि पहले घर में शौचालय बनवाओ इसके बाद ही वो ससुराल में दिवाली का पर्व मनाएंगी, नहीं तो गांव की महिलाएं इस बार अपने-अपने मायके में त्योहार मनाएंगी.

गांव में शौचालय के लिए गांव की बहु मधु के साथ कई महिलाओं ने अपने सुसराल वालों के खिलाफ आंदोलन का आगाज कर दिया है. उनका कहना है कि शौचालय जल्द नहीं बनवाए तो दिवाली वो अपने मायके में जाकर मनाएंगी क्योंकि वहां शौचालय मौजूद है.

महिलाओं का कहना था कि शौचालय नहीं होने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब बेटियां भी बड़ी हो गईं हैं, ऐसे में निजता की परेशानी के साथ-साथ असुरक्षा भी डराती रहती है, लेकिन कई बार मिन्नतें करने के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं, ऐसे में अब सुसराल वालों के खिलाफ यह भावनात्मक खिलाफत इस परेशानी से निजात दिलवा दे ऐसी उम्मीद कर रहे हैं.

ससुराल पक्ष के लोग अब बहुओं के इस आंदोलन के बाद अजीब सी कमशमश में हैं. ऐसा नहीं है कि गांव में सरकार का खुले में शौच मुक्ति अभियान नहीं पहुचा है, लेकिन उसकी धीमी रफ्तार ने इस साल की दिवाली पर परिवार वालों को घर में शौचालय जल्द बनवाने को मजबूर कर दिया है.

गांव के पुरुष कहते हैं कि गांव की महिलाओं ने दिवाली के मौके पर परिवारों के खिलाफ जो आंदोलन छेड़ा है वो फिलहाल परेशान करने वाला है, लेकिन इनकी परेशानियों को जानने के बाद भी अबतक निजात नहीं दिलवा पाए, उम्मीद है अब जल्द ही घरों में शौचालय भी बन जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का ही यह असर है कि गांव की महिलाओं ने अब सालों से चली आ रही इस परेशानी के खिलाफ आवाज बुलंद की है. उम्मेदगंज गांव में शहरी क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद अबतक ओडीएफ होने का इंतजार कर रहा है, जबकि कोटा जिले की कुल 155 ग्राम पंचायतों में से अस्सी फीसदी ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित हो चुकी हैं.

राजस्थान सरकार की ओर से मंगलवार यानि धनतरेस के दिन राज्य सरकार कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के लाभ देने की घोषणा कर सकती है.
सूत्रों के अनुसार मंगलवार को सीएम आधिकारिक घोषणा कर सकती है. वित्त विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है. जानकारी के अनुसार सीएम के मंगलवार को जयपुर पहुंचने वाली हैं और इसी दिन वो ये तौहफा दे सकती हैं.
बता दें कि सातवें वेतन आयोग के लिए गठित डीसी सामंत कमेटी की सिफारिशों को सरकुलेशन के माध्यम से अनुमोदन करा लिया गया है. अब केवल औपचारिक घोषणा करना बाकी है.

जानकारी के अनुसार मंगलवार को सातवें वेतन आयोग को लेकर अधिसूचना जारी होती है. इससे करीब 8 लाख कर्मचारियों और साढ़े तीन लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा. आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकार पर करीब साढ़े दस हजार करोड रुपए का भार पड़ेगा.